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Showing posts from April, 2020

28 April current affairs top ten

            CURRENT AFFAIRS CURRENT AFFAIRS

28 अप्रैल का इतिहास

28 अप्रैल की महत्त्वपूर्ण घटनाएं - 1910: इंग्लैंड में क्लोड ग्राहम व्हाइट नाम के पायलट ने पहली बार रात में विमान उड़ाया. 1914: अमेरिका में वेस्ट वर्जीनिया के एस्सेल्स इलाके में एक कोयला खदान हादसे में 181 लोगों की मौत. 1916: बीजी तिलक ने भारतीय गृह नियम लीग की स्थापना की. 1932: इंसानों के लिए पीत ज्वर का टीका विकसित करने की घोषणा की गई. 1964: जापान आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) में शामिल हुआ. 1969: फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति चार्ल्स डी. गॉल ने अपने पद से इस्तीफा दिया. 1993: जाम्बिया के एक विमान के गेबोन के लिबरविले में दुर्घटनाग्रस्त होने से 30 फुटबाल खिलाड़ियों की मौत. 1995: दक्षिण कोरिया में मेट्रो में हुए गैस विस्फोट में 103 की मौत. 1995: श्रीलंका के पलाली में विमान दुर्घटना में 52 यात्रियों की मौत. 2001: पहला अंतरिक्ष सैलानी टेनिस टीटो अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना. यह भी पढ़ें-  नोबेल विजेता डॉ हरगोविंद खुराना का जीवन संक्षिप्त में 2002: बुकर पुरस्कार का नया नाम “मैन प्राइज फार फिक्शन” रखा गया. 2003: दुनिया भर में कर्मचारी सुरक्षा और स्वास्थ्...

डॉ होमी जहांगीर भाभा 'भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक'

                      डॉ ० होमी जहांगीर भाभा             भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1916 को मुंबई में एक संपन्न पारसी परिवार में हुआ था उनकी आरंभिक शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल ग्रामर स्कूल में संपन्न हुई फिर उन्होंने एल्फिसंन कॉलेज में प्रवेश लिया उसके पिता और फूफा दोराबजी टाटा द्वारा प्रोत्साहित करने पर कैंब्रिज विश्वविद्यालय चले गए भाभा वहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त करके भारत लौटे। स्वदेशआकर उन्होंने जमशेदपुर स्थित टाटा मिल्स में धातु वैज्ञानिक के रूप में कार्य आरंभ किया भाभा को अपने परिवार से देश की सेवा करने की सीखने की ललक विरासत में मिली थी उनके परिवार मा(और पिता दोनों का ) टाटा परिवार से गहरा रिश्ता था बीसवीं शताब्दी के आरंभिक समय में टाटा परिवार धातुकर्म ऊर्जा उत्पादन एवं विज्ञान तथा इंजीनियरिंग में अग्रणी भूमिका निभा रहा था यह परिवार महात्मा गांधी तथा अन्य राष्ट्रवादी नेताओं से प्रेरित होकर राष्ट्रभक्ति की प्रबल भावना से ओतप्र...

26 अप्रैल का इतिहास

26 अप्रैल की ऐतिहासिक घटनाएं- *1805- पहला बरबरी युद्ध संयुक्त राज्य मरीन ने फर्स्ट लेफ्टिनेंट प्रेसली ओवन के आदेश पर डरने को कब्जा लिया था *1865-  यूनियन कवेलरी सैनिकों को ने वर्जीनिया में राष्ट्रपति लिंकन के हत्यारे जान विल्कस बूथ को गोली मार दी थी *1903 -एटलेटिको मेड्रिड एसोसिएशन फुटबॉल क्लब की स्थापना की गई *1925- पाल वन हिंडेनबर्ग ने जर्मन राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में विल्मर गणराज्य के सीधे निर्वाचित प्रमुख बनने के लिए विल्हेम मार्क्स को हराया था *1933- नाजी जर्मनी की अधिकारिक गुप्त पुलिस बल गेस्टापो की स्थापना हुई थी *1954 -जेनेवा सम्मेलन इंडो चीन और कोरिया में शांति बहाल करने का प्रयास शुरू किया गया था *1956 -दुनिया का पहला सफल कंटेनर जहाज  हउस्टन टेक्सास में छोड़ा गया था *1962 -नासा का रेंजर 4 अंतरिक्ष यान चंद्रमा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया *1966- कांगो गणराज्य में एक नई सरकार बनाई गई जिसका नेतृत्व एंब्रोइस ने किया था *1981- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के डॉ माइकल आर हैरिसन ने सैन फ्रांसिस्को मेडिकल सेंटर दुनिया की पहली मानव खुली भ्रूण सर्जरी खोली थी *...

भारत के नामकरण का इतिहास

भारत तथा  इंडिया ( अंग्रेजी रूपांतर, का अंतरराष्ट्रीय नाम ‌‌)शब्दों की ऐतिहासिक जड़ें बहुत गहरी हैं आर्यों ने सिंधु घाटी के लोगों का विनाश करके सिंधु प्रदेश पर अधिकार कर लिया तथा इस प्रदेश को  सप्त सिंधु (सात नदियों का देश) नाम दिया यह प्रदेश वर्तमान पंजाब को सूचित करता है आर्य ने अपनी प्रभुसत्ता को  क्रमशा गंगा यमुना दोआब की ओर विस्तृत करते हुए उसे ब्रह्मर्षि  देश नाम दिया कालांतर में हिमालय तथा विंध्य पर्वत के मध्य स्थित संपूर्ण प्रदेश को आर्यावर्त नाम दिया गया इसके पश्चात आर्य में दक्षिण की ओर अपना प्रभुत्व स्थापित किया जिसे दक्षिणा पथ कहा जाता था पुराणों में वैदिक सभ्यता तथा संस्कृत की भूमि को भारत कहा गया है इसके नाम के विषय में अनेक कथाएं प्रचलित हैं मार्कंडेय पुराण तथा वायु पुराण के अनुसार मनु की वंशावली में ऋषभ के पुत्र भरत के नाम पर देश का नामकरण भारत हुआ किंतु वायु पुराण के एक अन्य प्रसंग में भरत को राजा दुष्यंत का पुत्र बताया गया है जिसके नाम पर देश का भारत कहलाया ऐसा भी माना जाता है कि सप्त सेंधव प्रदेश में आर्यों के 5 समुदायअनु , त्रिशू ,भरत , द्रहूं तथा...

कल्पना चावला: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री

                चित्र कल्पना चावला कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था भारत के पहले पायलट जेआरडी टाटा उनके प्रेरणास्रोत थे उनके मन में उड़ान भरने की गहरी इच्छा थी उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई करनाल के टैगोर विद्यालय से की और बाद में पंजाब विश्वविद्यालय से वैमानिकी अभियांत्रिकी का अध्ययन किया अपने  वैमानिकी सपनों को उड़ान देने के लिए वे अमेरिका चली गई टेक्सास विश्वविद्यालय से सन 1984 में वैमानिकी अभियांत्रिकी में स्नातक उपाधि प्राप्त करने के 4 सालों के बाद उन्होंने कोलोराडो विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी उसी साल उन्होंने नासा के उमेश रिसर्च सेंटर में कार्य करना आरंभ कर दिया चावला ने अमेरिका की नागरिकता ली और जीन पेरी हरियेसन से शादी की जो एक स्वतंत्र उड़ान प्रशिक्षक थे उनकी उड़ान पैदल यात्रा ग्लाइडिंग और पढ़ने में गहरी रुचि थी उन्हें उड़ान एयरोबैटिक्स ट्रेन हु इज एयरोप्लेन अस से बहुत लगाव था सन 1994 में चावला नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल हो गई और अंतरिक्...

डॉ हरगोविंद खुराना

हरगोविंद खुराना का जन्म 9 जनवरी 1922 को पंजाब के एक छोटे से गांव रायपुर में हुआ था जो कि अब पाकिस्तान में है पर पांच भाई बहनों में से सबसे छोटे थे उनके पिता पटवारी थे उस समय ब्रिटिश भारत में कृषि कराधान क्लर्क के रूप में कार्य कर रहे थे           चित्र डॉक्टर हरगोविंद खुराना खुराना की आरंभिक शिक्षा घर पर ही हुई थी बाद में उन्होंने मुल्तान के डीएवी हाई स्कूल में प्रवेश लिया उन्होंने 1943 में लाहौर में स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की उसके बाद सन् 1945 में उन्होंने स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की उन्होंने अपने पीएचडी कार्य के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को चुना और सन 1948 में वहां से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से से पोस्ट डॉक्टरेट शोध कार्य किया जहां उनकी मुलाकात एस्थर  से हुई जो बाद में उनकी पत्नी बनी बाद में उन्होंने वैंकूवर मैं ब्रिटिश कोलंबिया अनुसंधान परिषद में नौकरी की जहां कार्य करते हुए उन्होंने प्रोटीन और न्यूक्लिक अम्लों पर कार्य किया जो उन...

डॉ सी०वी० रमन : प्रारंभिक जीवन, पुरस्कार व उपलब्धियां

सर सी०वी० रमन : प्रारंभिक जीवन ,पुरस्कार व उपलब्धियां                     सी०वी०रमन चंद्रशेखर वेंकटरमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था उनके पिता चंद्रशेखर अय्यर स्थानीय महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान के व्याख्याता थे उनकी माता पार्वती कुशल ग्रहणी थी उन्होंने 11 वर्ष की उम्र में मेअपनी मैट्रिक परीक्षा पास की थी इसके बाद उन्होंने मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया जहां उन्होंने विज्ञान विषय में स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाएं उच्च श्रेणी में पास की उनकी भौतिकी में गहरी रुचि थी स्नातकोत्तर करते हुए रमन ने भौतिक विषय में एक विशेष लेख लिखा और इसे फिलोसॉफिकल पत्रिका एवं इंग्लैंड के प्रख्यात विज्ञान पत्रिका नेचर को भेजा उनके इस लेख को पढ़कर लंदन में अनेक विख्यात वैज्ञानिकों ने युवा भारतीय प्रतिभा की सराहना की । रमन आईसीएस की परीक्षा को पास करना चाहते थे लेकिन इस परीक्षा के लिए उन्हें लंदन जाना पड़ता तथा गरीबी के कारण वह वहां जाने का खर्च वहन नहीं कर सकते थे उन्होंने भारत में आयोजित ...

मलेरिया रोग का खात्मा करने वाले" डॉक्टर रोनाल्ड रॉस" का जीवन

रोनाल्ड रास का जन्म सन 1857 में आधुनिक उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ था उनके पिता ब्रिटिश सेना में जनरल थे इनकी तैनाती भारत में भी रोना क्रश 8 वर्ष के उम्र में भारत में रहे इसके बाद उन्हें इंग्लैंड के आवासीय विद्यालय में भेजा गया उन्होंने लंदन से सेंट बार्थोलोमु अस्पताल से चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई की फाइल फोटो रोनाल्ड रॉस जब रास छोटे थे तब उन्होंने देखा हम कि भारत में मलेरिया के कारण अनेक लोगों की मौत हो जाती थी कारगर दवाओं की कमी के कारण हर साल लगभग 10 लाख लोग मलेरिया के कारण मर जाते थे तब रास भारत में थे उनके पिता को भी मलेरिया हो गया था लेकिन सौभाग्य से वह ठीक हो गए थे इस भैयावह बीमारी ने उनके मन में अमिट छाप छोड़ी । जब रास ब्रिटिश इंडियन चिकित्सा सेवाओं के अंतर्गत भारत वापस लौटे तब उन्हें मद्रास भेजा गया वहां उनका ज्यादातर काम सेना के मलेरिया पीड़ित मरीजों के उपचार से संबंधित था रोनाल्ड रॉस ने 1897 इसवी में मच्छरों और मलेरिया के बीच के संबंध हो साबित किया ऐसा करके उन्होंने वैज्ञानिक अल फोनस लॉरेन और सर पैट्रिक द्वारा पहले से स्वतंत्र रूप में कार्य करते हुए इस संबं...

What is a DIAC? Operation Applications Circuits

What is a DIAC? Operation Applications Circuits A DIAC is a bi-directional semiconductor switch that can be turned on in both forward and reverse polarities above a certain voltage: it is often used to provide defined switching for a triac. A DIAC is a full-wave or bi-directional semiconductor switch that can be turned on in both forward and reverse polarities. The name DIAC comes from the words  DI ode  AC  switch. The DIAC is an electronics component that is widely used to assist even triggering of a TRIAC when used in AC switches and as a result they are often found in light dimmers such as those used in domestic lighting. These electronic components are also widely used in starter circuits for fluorescent lamps. Although the term is not often seen, DIACs may also be called symmetrical trigger diodes - a term resulting from the symmetry of their characteristic curve. DIACs come in a variety of formats. As discrete components they may be contained in small leaded packag...

IMPORTANT QUESTION OF ANCIENT HISTORY

प्राचीन इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न 1. ब्रह्मा समाज – राजाराममोहन राय 2. आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती 3. प्रार्थना समाज – केशव चन्द्र सेन 4. दीन-ए-इलाही, मनसबदारी प्रथा – अकबर 5. भक्ति आंदोलन – रामानुज 6. सिख धर्म – गुरु नानक 7. बौद्ध धर्म – गौतमबुद्ध 8. जैन धर्म – महावीर स्वामी 9. इस्लाम धर्म की स्थापना, हिजरी सम्वत – हजरत मोहम्मद साहब 10. पारसी धर्म के प्रवर्तक – जर्थुष्ट 11. शक सम्वत – कनिष्क 12. मौर्य वंश का संस्थापक – चन्द्रगुप्त मौर्य 13. न्याय दर्शन – गौतम 14. वैशेषिक दर्शन – महर्षि कणाद 15. सांख्य दर्शन – महर्षि कपिल 16. योग दर्शन – महर्षि पतंजली 17. मीमांसा दर्शन – महर्षि जैमिनी 18. रामकृष्ण मिशन – स्वामी विवेकानंद 19. गुप्त वंश का संस्थापक – श्रीगुप्त 20. खालसा पन्थ – गुरु गोविन्द सिंह 21. मुगल साम्राज्य की स्थापना – बाबर 22. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – हरिहर व बुक्का 23. दिल्ली सल्तनत की स्थापना – कुतुबुद्दीन ऐबक 24. सतीप्रथा का अंत – लॉर्ड विलियम बेंटिक 25. आंदोलन : असहयोग,सविनय अवज्ञा, खेडा, चम्पारन, नमक, भारत छ...

some important question of DC generator

- D.C जैनेरेटर के घूमने वाले भाग बताओ ? उ.1-आर्मेचर ,कम्यूटेटर ,शॉफ्ट ,फैन ,पुल्ली इत्यादि ! प्र.2-कार्बन ब्रुश किस पदार्थ के बनाये जाते हैं ? उ.2-कार्बन व कॉपर ,कॉपर शुद्ध ! प्र.3-जैनेरेटर में अघिकतम ई.एम.एफ़ कहाँ पर  पैदा होता है ? उ.3-M.N.P पर ! प्र.4-आर्मेचर किस धातु का बनाया जाता है ? उ.4-सिलिकॉन स्टील की पत्तियों का ! प्र.5-जैनेरेटर सिद्धांत किस पर कार्य करता है ? उ.5-फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर ! प्र.6-अधिक वोल्टेज लेने के लिएआर्मेचर में कौन-सी वाइंडिंग की जाती है! उ.6-वैव वाइंडिंग ! प्र.7-बैटरी चार्जिंग के लिए कौन सा जेनेरेटर प्रयोग किया जाता है ? उ.7-शंट जैनेरेटर ! प्र.8-सीरीज जैनेरेटर कहाँ प्रयोग होता है ? उ.8-बूस्टर के रूप में ट्रांसमिशन लाइन के अंदर ! प्र.9-इंटरपोल के कनेक्शन कैसे किये जाते है ? उ.9-आर्मेचर के सीरीज में ! प्र.10-कौन से लॉस Constant होते है ? उ.10-आयरन और फ्रिक्शन लॉस ! प्र.11-कम्यूटेटर का कार्य क्या होता है ! उ.11-यह आर्मे...

डॉ भीमराव अंबेडकर

डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से लोकप्रिय भारतीय  विधि बता अर्थशास्त्री राजनीतिज्ञ व समाज सुधारक थे उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलायाा  था.                      युवा अंबेडकर                              डॉक्टर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 18 सो 91 को ब्रिटिश भारत केे मध्य प्रदेश मैं स्थित महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था वह राम जी मालू जी सतपाल और भीमा भाई की 14 वी व अंतिम संतान थे उनका परिवार कबीर पंथ को मानने वाला मराठी मूल  का था और हुआ है वर्तमान महाराष्ट्र केे रत्नागिरी जिले में अंबाडा वे गांव का निवासी था वह हिंदू महार जाति से संबंध रखतेे थे जो तब छूट मानी जाती थी और इस कारण उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव सहन करना पड़ता था भीमराव अंबेडकर केे की लंबे समय से ईस्टट इंडिया कंपनी में कार्यरत थे उनके पिता रामजी सकपाल भारतीय सेना के महू छावनी मेंं...

खंगार क्षत्रियों का गौरव "गढ़ कुंडार का किला"

।             चित्र- गढ़  कुंडार का  किला खगार राजवंश चंद्रवंशीय क्षत्रियों की  यशस्वी शाखा है लगभग 5000 ईसा पूर्व महाभारत के युद्ध के पश्चात चंद्रवंश के क्षत्रिय पश्चिमोत्तर आर्यावर्त में आधुनिक तेहरान तक फैल गए थे वहां राज्य स्थापित करके यूनानियो से कई युद्ध किए । यूनानी इतिहासकार  "कार्टियस" न्यूनान के इतिहास में इनका पर्याप्त वर्णन किया है । इन चंद्रवंशीय क्षत्रियों के पूर्वजों ने गजपुर आधुनिक गजनी ( अफगानिस्तान) और पाकिस्तान में स्यालकोट , पुरुश पुर ( पेशावर) , बहावलपुर आदि शहर बसाए एवं आधुनिक भारत में गोविंदगढ़ ( भटिंडा) , जैसलमेर आदि शहर बसाए। पश्चिमोत्तर भारत में चंद्रवंश के प्रमुख क्षत्रियों में जैसलमेर का भाटी राजवंश , कच्छ और भुज का जडेजा राजवंश और जूनागढ़ सौराष्ट्र के खंगार राजवंश थे। सौराष्ट्र जूनागढ़ में खगारों के पूर्वज चूड़ासमा राजवंश ने सातवीं सदी तक अपना राज्य स्थापित कर लिया था प यह राज्य लगभग 700 वर्षों तक रहा जूनागढ़ राज्य का मंडोवर (जोधपुर के पास) राज्य से घनिष्ठ संबंध था मंडोवर में परिह...