भारत तथा इंडिया ( अंग्रेजी रूपांतर, का अंतरराष्ट्रीय नाम )शब्दों की ऐतिहासिक जड़ें बहुत गहरी हैं आर्यों ने सिंधु घाटी के लोगों का विनाश करके सिंधु प्रदेश पर अधिकार कर लिया तथा इस प्रदेश को सप्त सिंधु (सात नदियों का देश) नाम दिया यह प्रदेश वर्तमान पंजाब को सूचित करता है आर्य ने अपनी प्रभुसत्ता को क्रमशा गंगा यमुना दोआब की ओर विस्तृत करते हुए उसे ब्रह्मर्षि देश नाम दिया कालांतर में हिमालय तथा विंध्य पर्वत के मध्य स्थित संपूर्ण प्रदेश को आर्यावर्त नाम दिया गया इसके पश्चात आर्य में दक्षिण की ओर अपना प्रभुत्व स्थापित किया जिसे दक्षिणा पथ कहा जाता था पुराणों में वैदिक सभ्यता तथा संस्कृत की भूमि को भारत कहा गया है इसके नाम के विषय में अनेक कथाएं प्रचलित हैं मार्कंडेय पुराण तथा वायु पुराण के अनुसार मनु की वंशावली में ऋषभ के पुत्र भरत के नाम पर देश का नामकरण भारत हुआ किंतु वायु पुराण के एक अन्य प्रसंग में भरत को राजा दुष्यंत का पुत्र बताया गया है जिसके नाम पर देश का भारत कहलाया ऐसा भी माना जाता है कि सप्त सेंधव प्रदेश में आर्यों के 5 समुदायअनु , त्रिशू ,भरत , द्रहूं तथा...